एक व्यक्ति अपने गधा को लेकर शहर से लौट रहा था । गलती से वह गधा पैर खिसकने के कारण सीधे एक गहरे गढ़े में गिर गया । उसे निकलने के लिए उस व्यक्ति ने पूरा कोशिश किया परन्तु वह उस गधे को निकाल नहीं पाया ।
जब उस व्यक्ति को लगा की उसके गधे को उस गढ़े से निकालना अब असंभव हैं उसने उसे जिन्दा ही मिटटी से ढक देने का सोचा और वह ऊपर से मिटटी डालने लगा । बहुत देर तक मिटटी डालने के बाद वह इंसान पास ही अपने घर चले गया ।
पर ढेर सारी मिटटी डालने के कारण वह गधा अपने ऊपर गिरे हुए मिटटी की मदद से धीरे-धीरे उस पर अपना पैर रख-रख कर उस गढ़े के ऊपर जिन्दा चढ़ आया । अगले दिन जब वह व्यक्ति सुबह उठा तो उसने देखा उसका गधा उसके घर के बहार ही खड़ा था । यह करिश्मा देखकर वह व्यक्ति स्तम्भ रहे गया ।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी हार नहीं मानना चाहिए और बार-बार कोशिश करना चाहिए ।
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