एक बार हकीम लुकमान से उसके बेटे ने पूछा, "अगर मालिक ने फरमाया कि कोई चीज मांग, तो मैं क्या मांगूं?"
लुकमान ने कहा, "परमार्थ का धन।"
बेटे ने फिर पूछा, "अगर इसके अलावा दूसरी चीज मांगने को कहे तो?"
लुकमान ने कहा, "पसीने की कमाई मांगना।"
उसने फिर पूछा, "तीसरी चीज?"
जवाब मिला, "उदारता।"
चौथी चीज क्या मांगू- "शरम।"
पांचवीं- "अच्छा स्वभाव।"
बेटे ने फिर पूछा, "और कुछ मांगने को कहे तो?"
लुकमान ने उत्तर दिया, "बेटा, जिसको ये पांच चीजें मिल गईं उसके लिए और मांगने के लिए कुछ भी नहीं बचेगा। खुशहाली का यही रास्ता है और तुझे भी इसी रास्ते से जाना चाहिए।"
लुकमान ने कहा, "परमार्थ का धन।"
बेटे ने फिर पूछा, "अगर इसके अलावा दूसरी चीज मांगने को कहे तो?"
लुकमान ने कहा, "पसीने की कमाई मांगना।"
उसने फिर पूछा, "तीसरी चीज?"
जवाब मिला, "उदारता।"
चौथी चीज क्या मांगू- "शरम।"
पांचवीं- "अच्छा स्वभाव।"
बेटे ने फिर पूछा, "और कुछ मांगने को कहे तो?"
लुकमान ने उत्तर दिया, "बेटा, जिसको ये पांच चीजें मिल गईं उसके लिए और मांगने के लिए कुछ भी नहीं बचेगा। खुशहाली का यही रास्ता है और तुझे भी इसी रास्ते से जाना चाहिए।"
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