अपनी सोच बदलेगें तो खुश रहेगें/ wonderous stories with moral of saint

बहुत पुरानी बात है। रामनगर गांव में एक आदमी रहता था यो हर समय दुखी रहता था। एक दिन उसके गांव में एक साधू saint आया वो दुखी आदमी उस साधू महाराज के पास गया। साधू ने उसकी समस्या पूछी तो उसने बताया “महाराज में बहुत दुखी हूँ ” मेरे जीवन में बहुत मुश्किलें हैं। में बिल्कुल भी ख़ुश नहीं हूं। आप तो बहुत ही ज्ञानी पुरुष हों कृपया मेरे दुखों का समाधान बताएं।
उस दुखी आदमी की बातों को सुनते ही साधू महाराज ने कहा एक पानी का गिलास लेकर आयो आदमी ने ऐसा हे किया एक पानी का गिलास ले आया इसके बाद साधू ने कहा अब इस पानी के ग्लास (Glass) में मुट्ठी भर नमक मिलाकर पी लो। आदमी ने पानी में मुट्ठीभर नमक (Salt) मिलाकर पी लिया।
साधू महाराज ने पूछा “आपको इसका स्वाद कैसा लगा ?
“बहुत ही ज्यादा नमकीन और कड़वा था” आदमी ने जवाब दिया।
इसके बाद साधू महाराज उसे पास की ही एक झील(Lake) के पास ले गए और कहा अब उतनी ही मात्रा नमक की इस झील के पानी में डालो जितनी के पानी के ग्लास में डाली थी और इस झील के पानी को पी लो।
आदमी ने बिल्कुल साधू के कहे अनुसार किया साधू ने फिर से उस आदमी से पूछा अब इसका स्वाद कैसा था ?
आदमी ने जवाब दिया “पानी का स्वाद बहुत ही स्वादिष्ट था”
साधू महाराज ने फिर से आदमी से पूछा क्या तुम्हे इस पानी में नमक का स्वाद महसूस हुआ ?
“नहीं नहीं साधू महाराज बिल्कुल भी नहीं” उस आदमी ने जवाब दिया।
आदमी के इस उतर को सुनते हुए साधू महाराज ने उस आदमी को समझाते हुए कहा “हमारे जीवन का दुःख भी इस नमक की तरह है न ज्यादा और न ही कम। तुम्हे अपने जीवन में आने वाली मुश्किलें या दुखों को किस तरह महसूस करना है यह तुम पर निर्भर करता है। यदि कोई भी इंसान इस ग्लास को अपने तक सीमित होकर देखता है तो उसे दुःख का अनुभव ज्यादा होता है परन्तु अगर इसी दुःख को झील रुपी संसार के साथ मिलाकर देखोगे तो आपको सिर्फ़ खुशहाल जिन्दगी का एहसास होगा न के दुखों भरी जिन्दगी का।
दोस्तों सुख और दुःख का अपना कोई अस्तित्व नहीं होता बल्कि यह तो इंसान की सोच पर निर्भर करता है . मनुष्य की अपनी सोच और मानसिक स्थिति में ही सुख -दुःख का जन्म होता है अक्सर हम यह सोचकर दुखी होते रहते हैं के हमारे पास यह नहीं है वो नहीं है हमें इस मानसिकता से बाहर आने के लिए इस नजरिये को छोड़कर पूरे मानव संसार के बारे में सोचना होगा तभी हमें ख़ुशहाल जिंदगी का एहसास होगा ।


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